हिमाचल में कर्फ्यू के बीच सामान्य जोन में मनरेगा, मिस्त्री, हाईवे



हिमाचल सरकार ने लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच सोमवार से केंद्रीय निर्देशों के तहत सामान्य जोन में आने वाले जिलों और इलाकों में कुछ छूट दी गई है जो आगामी आदेशों तक जारी रहेगी। इसमें मनरेगा कार्य, मिस्त्री, हाईवे पर ढाबे खोलने और नगर निकाय क्षेत्र से बाहर के इलाकों में कई कार्यों में छूट मिलेगी। प्रदेश में सप्ताह में दो बार मोबाइल रिपेयर और आईटी सेक्टर से जुड़ी दुकानें खुलेंगी। इस दौरान कोरोना को लेकर जारी केंद्रीय हेल्थ गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। यही नहीं, छूट और समय उपायुक्त और प्रशासन ही फाइनल करेगा।

ये सब फैसले सरकार ने कोरोना एक्जिट प्लान के तहत लिए हैं। हालांकि इस सबके लिए कर्फ्यू पास लेना जरूरी होगा। कर्फ्यू पास बनवाने में ही लोगों को दो-तीन लगेंगे। कंटेनमेट जोन में आने वाले इलाकों मेें कोई छूट नहीं होगी। ये वे इलाके हैं जहां कोरोना मरीज सामने आए हैं। इसके अलावा बफर जोन में आने वाले इलाकों में छूट कम होगी साथ ही लोगों पर निगरानी ज्यादा रहेगी। बफर जोन कंटेनमेंट जोन के तीन किलोमीटर आसपास आने वाले इलाके हैं। हिमाचल मेें अभी पूरी तरह सामान्य जोन में छह जिले हैं।

ये छूट मिलेगी

लॉकडाउन के तहत अभी भी एक जिले से दूसरे जिले और न ही बाहरी राज्यों में फंसे लोग प्रदेश में आ पाएंगे। निजी वाहनों में आवाजाही कर्फ्यू पास से ही होगी। दोपहिया वाहन पर एक, निजी गाड़ी में दो और सरकारी वाहन में कार्यस्थल जाने के लिए चालक समेत चार लोग ही बैठ पाएंगे।

संक्रमण को देखते हुए किसी भी बाहरी कामगार से काम नहीं लिया जाएगा। स्थानीय लोग भी वहीं उद्योगों आदि में काम कर सकेंगे, जिनका कोई यात्रा इतिहास नहीं होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और उपायुक्तों को नए आदेश जारी कर दिए हैं। इनके अनुसार जरूरी परमिशन लेकर ई-कॉमर्स ऑपरेटर जरूरी सेवाओं के लिए वाहन चला सकेंगे।

सीमेंट उद्योग खोलने पर असमंजस

प्रदेश में सीमेंट उद्योगों को खोलने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उपायुक्त सोलन केसी चमन ने बताया कि फिलहाल सीमेंट उद्योग बंद रहेंगे।

मनाली टोल प्लाजा को मंजूरी

केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय ने कोरोना वायरस के चलते मनाली में टोल प्लाजा को मंजूरी दे दी है। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि यहां से आने-जाने वाले वाहनों पर नजर रहे।

ईंट-भट्ठे, भवन निर्माण, खनन, ट्रंक, फर्नीचर निर्माण भी हो सकेगा

कर्फ्यू पास से कृषि मशीनरी की दुकानें खोली जा सकेंगी, मत्स्य पालन से संबंधित तमाम गतिविधियां चलेंगी, चाय प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, सेल पर पचास फीसदी कामगारों के साथ कार्य होगा। मनरेगा में जल संरक्षण से संबंधित काम ज्यादा होंगे।

दूध की सप्लाई चेन चालू होगी, आंगनबाड़ियां लाभार्थियों के घर द्वार तक पंद्रह दिन में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करेंगी। खनन का आवश्यक काम शुरू हो सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट, भट्ठे शुरू होंगे। खड्डियों में बुनाई, छोटा-मोटा फर्नीचर, ट्रंक आदि बनाने का काम जिनमें परिवार शामिल हो, वह शुरू होगा।

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