जीएसटी संग्रह में एआई तकनीक से आएंगे बदलाव, जीएसटी बकाएदारों का वास्तविक डाटा होगा उपलब्ध

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प्रदेश के राजस्व में 250 करोड़ होगी बढ़ोतरी, जीएसटी बकाएदारों का वास्तविक डाटा होगा उपलब्ध

राज्य कर एवं आबकारी विभाग राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए ऑडिट प्रवर्तन की आधुनिक तकनीक के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के लिए एक महत्त्वाकांक्षी योजना कार्यान्वित करने जा रहा है। इसके दृष्टिगत राज्य मंत्रिमंडल से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। इस महत्त्वाकांक्षी पहल को कार्यान्वित करने का मुख्य ध्येय वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े राजस्व नुकसान को कम करना है। इस परियोजना के कार्यान्वयन से जीएसटी बकाएदारों का वास्तविक डाटा उपलब्ध होगा और निरीक्षण तथा त्वरित निर्णय लेने की प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासन में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी विभागों के कामकाज में आधुनिक तकनीकों को शामिल करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर सदैव बल दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा लेखा परीक्षा प्रवर्तन की आधुनिक तकनीक को अपनाने से सटीक डाटा तैयार करने, कर धोखाधड़ी का पता लगाने और उसकी रोकथाम में मदद मिलेगी।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस परियोजना के कार्यान्वित होने से प्रदेश के वार्षिक राजस्व में 250 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परियोजना विभागीय अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ राजस्व में वृद्धि के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि एआई प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन से विभाग को मौजूदा चुनौतियों से और अधिक कुशलता से निपटने में मदद मिलेगी। एआई को अपनाने और उन्नत डेटा विश्लेषण तकनीकों को शामिल करके, राज्य कर एवं आबकारी विभाग राजस्व संग्रह बढ़ाने, कर चोरी से निपटने और निर्णय लेने की प्रक्रिया को कारगर बनाने में और अधिक सक्षम होगा। आधुनिक तकनीकों को नियोजित कर राज्य सरकार के इस तरह के प्रयास सरकारी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

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