एंटीबायोटिक को कच्चा माल देगा प्रदेश, मुंबई की कंपनी करेगी 880 करोड़ निवेश

 

केंद्र सरकार ने दी प्रोजेक्ट को मंजूरी; मुंबई की कंपनी करेगी 880 करोड़ निवेश

हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने एक प्रोजेक्ट मंजूर किया है, जो देश में एंटीबायोटिक दवाओं की कमी को दूर करेगा। इसके लिए जरूरी कच्चा माल यहां पर तैयार किया जाएगा, जिससे फार्मा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस तरह का एक बड़ा उद्योग यहां पर मुंबई की एक कंपनी लगाएगी, जिसको केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी प्रदान की है। मुंबई की कंपनी हिमाचल में 880 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत यह प्रोजेक्ट लगेगा। केंद्र सरकार ने कंपनी के समक्ष 2023 तक अपना उत्पादन शुरू करने की भी शर्त रखी है।

उद्योग विभाग कंपनी को नालागढ़ और ऊना में 250 बीघा जमीन उपलब्ध करवाएगा, जिसके लिए  हिमाचल सरकार तैयार है। जगह का चयन करने के लिए कंपनी पहले स्पॉट विजिट करेगी। जल्दी ही अधिकारी यहां पर आने वाले हैं, जो आगे की प्रक्रिया को परा करेंगे। बताया जाता है कि इस उद्योग के हिमाचल में लगने से यहां के 2000 बेरोजगार युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, जबकि 5000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। प्रदेश का यह पहला प्रोजेक्ट है, जो एंटिबायोटिक दवाइयों के लिए कच्चा माल उपलब्ध करवाएगा।

उद्योग विभाग की मानें तो केंद्र सरकार इस महीने के अंत तक बल्क ड्रग फार्मा पार्क की घोषणा कर सकता है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने अपनी सारी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। राज्य सरकार और उद्योग विभाग प्रदेश को यह पार्क मिलने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त है। प्रदेश को अगर एक बल्क ड्रग फार्मा पार्क मिल जाता है, तो ऐसे में एंटिबायोटिक दवाइयों को बनाने के लिए हिमाचल कच्चा माल तैयार करेगा।

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