भारतीय एयर फोर्स को अप्रैल मध्य में राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन मिलने वाला है. इसे पश्चिम बंगाल के हाशिमारा स्थित एयर बेस पर तैनात किये जाने वाले है. हाशिमारा एयर बेस चीन और भूटान ट्राइजंक्शन के करीब है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि स्क्वॉड्रन बनाने से चीन के किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाने वाले है. राफेल का पहला स्क्वॉड्रन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर है. राफेल फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन में 5 फाइटर जेट हैं.
इसे पिछले साल सितंबर महीने में एयरफोर्स में शामिल कर लिया गया है. इन्हें 'गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन' में स्थान पाया गया था. एयरफोर्स, हाशिमारा एयर बेस पर मई माह से यह फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ा सकता है. इसी वक़्त फ्रांस में लड़ाकू पायलटों का प्रशिक्षण भी पूरा हो सकता है. जिसके साथ ही एयरफोर्स में 20 से अधिक राफेल फाइटर्स शामिल हो सकते है. इससे पहले गवर्नमेंट ने बोला था कि अब तक 11 राफेल विमान भारत आ गए हैं और मार्च तक 17 और ऐसे विमान भारत को मिल सकते है.
राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ''अब तक 11 राफेल विमान भारत आ चुके हैं तथा मार्च तक 17 और ऐसे विमान भारत को मिल जाएंगे. अप्रैल 2022 तक भारत को पूरे राफेल मिल जाएंगे.'' मिली जानकारी के अनुसार हिंदुस्तान ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए सौदा कर लिया है. 21 राफेल विमानों की डिलीवरी के साथ ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में अभूतपूर्व लाभ होने वाला है.
हाशिमारा एयरबेस पश्चिम बंगाल में भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित है. यहां पर तैनाती से चीन की ओर से पेश किसी भी संभावित खतरे से भारत बखूबी निपट सकेगा. इतना ही नहीं ये सभी राफेल फाइटर विमान MICA और मेट्योर एअर टू एअर मिसाइल से लैस है
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