पंचायत प्रतिनिधि विकास कार्यों के साथ रोजगार के विकल्प पर भी रखे फोकस -उपायुक्त

 

अधोसंरचना विकास के कार्यों में तकनीक और उच्च गुणवत्ता को भी  बनाया जाए सुनिश्चित

उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि   ग्रामीण विकास के साथ लोगों को रोजगार के बेहतर विकल्प उपलब्ध करवाने के लिए पर्यटन, कृषि बागवानी और पशुपालन व्यवसाय से संबंधित गतिविधियों के विस्तार पर फोकस रखें । उपायुक्त आज विकासखंड भरमौर और तीसा के नवनिर्वाचित पंचायत प्रधानों  के लिए   ग्रामीण विकास अभिकरण के सभागार में आयोजित छह दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर  बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि चूंकि जिले में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के अनुरूप पर्यटन, कृषि-बागवानी और पशुपालन व्यवसाय से भी स्थानीय स्तर पर रोजगार के बेहतर विकल्प है ।  ऐसे में पंचायत प्रतिनिधि इन क्षेत्रों में  बुनियादी विकास से संबंधित योजनाओं की रूपरेखा तय करें ।

पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन पर जोर देते हुए  उपायुक्त ने कहा कि परिस्थितीकिय  असंतुलन की वजह से  मौसम चक्र प्रभावित हुआ है ।  वनों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर भी  कार्य किया जाना चाहिए । 

उन्होंने ये भी कहा कि  भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण और प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाओं के मद्देनजर  पंचायतों में अधोसंरचना विकास के कार्यों में तकनीक और उच्च गुणवत्ता को भी सुनिश्चित किया जाए ।

कचरा मुक्त पंचायत की संकल्पना को लेकर उपायुक्त ने पंचायत प्रतिनिधियों से ठोस और तरल कचरा प्रबंधन की दिशा में आवश्यक कदम उठाने को कहा । 

जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन विकास के लिए आरंभ किए गए  चलो चंबा अभियान पर उपायुक्त ने कहा कि स्थानीय लोगों की सहभागिता पर आधारित इस अभियान के सफल कार्यान्वयन में पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण है । उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से क्षेत्र की  कला संस्कृति ,हस्तशिल्प उत्पादों , व्यंजनों की सूची को संबंधित खंड विकास अधिकारी से साझा करने को कहा ताकि चलो चंबा अभियान के तहत जारी किए जाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सूची को जोड़ा जा सके ।

उपायुक्त ने विभिन्न विभागों के माध्यम से जन कल्याण के लिए सरकार द्वारा आरंभ की गई योजनाओं,नीतियों    व कार्यक्रमों का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने को भी कहा । उन्होंने ये भी कहा कि व्यक्तिगत हितों को दरकिनार करते हुए सामुदायिक आधारित योजनाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए । इस दौरान उपायुक्त ने ग्राम सभा , जैव विविधता और विभिन्न विभागीय योजनाओं से कन्वर्जेंस से संबंधित विषयों पर भी जानकारी प्रदान की ।

अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने  इस दौरान   हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के  स्वर्ण जयंती वर्ष और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए ।

कार्यशाला में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा नागरिक सुरक्षा और राहत एवं बचाव कार्य से संबंधित उपयोगी जानकारी भी प्रदान की ।

इस अवसर पर खंड खंड विकास अधिकारी तीसा और  भरमौर महिंद्र राज व अनिल गुराड़ा , आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से नरेंद्र कुमार, आशीष , सुमित गुप्ता सहित विकासखंड भरमौर और तीसा के नवनिर्वाचित पंचायत प्रधान उपस्थित रहे ।

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