मंडी - कोरोना वायरस के खतरे के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य शुरू करने को लेकर केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी हैं। इसके तहत मनरेगा में कार्य मांगने के लिए लोगों को पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पडे़ंगे। काम मांगने के लिए मनरेगा मजदूरों को अपने वार्ड पंच को फोन या व्हाट्सऐप पर जानकारी देने पडे़गी।
मनरेगा के तहत जारी होने वाले मस्टोल में एक काम के लिए अधिकतम सिर्फ दस लोगों को ही लगाया जाएगा। किसी भी कार्य स्थल पर दस से अधिक लोग मनरेगा के तहत काम नहीं करेंगे, ताकि कार्य स्थल पर अधिक भीड़ न हो सके। इसके साथ मनरेगा के तहत सभी प्रकार के कार्य जो कि पहले होते आए हैं, वे नहीं हो सकेंगे। नए आदेशों के तहत मनरेगा कार्यो में फिलहाल व्यक्तिगत कार्यों को ही प्राथमिकता दी जाएगी, जिसमें सिंचाई के साथ ही जल संग्रहण जैसे कार्य ही शुरू किए जा सकेंगे। इसके साथ मनरेगा मजदूर कार्य स्थल पर जाने के लिए किसी भी प्रकार के व्हीकल का प्रयोग नहीं करेंगे। मनरेगा मजदूरों को पैदल ही कार्य स्थल पर पहुंचना होगा।
अतिरिक्त जिला उपायुक्त मंडी आशुतोष गर्ग ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेशों के बाद जिला में भी मनरेगा कार्य शुरू किए जा रहे हैं। इसे लेकर प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी हैं। प्रत्येक कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा। वर्कर फेसकवर या मास्क लगाकर ही काम करें। एक कार्य के लिए अधिकतम दस मजदूरों को ही लगाया जा सकेगा। प्रत्येक कार्य स्थल पर मजदूरों के हाथ धोने के लिए पानी व साबुन की पूरी व्यवस्था पंचायत करेगी। मनरेगा कार्य वार्ड सदस्य की निगरानी और देखरेख में होंगे।
अधिकारी की होगी जिम्मेदारी
वार्ड सदस्यों को कंप्लाइंस अधिकारी भी सरकार ने नियुक्त कर दिया है। कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग करवाना इनकी जिम्मेदारी होगी। उन्होेंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को काम मांगने के लिए अपने वार्ड सदस्य को फोन कर या व्हाट्सऐप कर सूचना देनी होगी।

No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box