टीबी कंट्रोल करने पर मिलेगा अवॉर्ड

 

भारत में कितनी कम हुई क्षय रोग की दर, जांचेगी डब्ल्यूएचओ व केंद्रीय टीम

विश्व सहित देश को टीबी मुक्त किए जाने के लिए महाअभियान चल रहे हैं। इसी कड़ी में देश भर में टीबी  को कंट्रोल करने के दावे भी विभिन्न राज्यों सहित जिलों द्वारा डब्ल्यूएचओ व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में किए गए हैं। ऐसे में अब विश्व स्वास्थ्य संगठन व केंद्रीय टीम की ओर से भारत में टीबी  की दर कितनी कम हुई, इस विषय को लेकर जांच शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में देश के कुल 67 जिलों का चयन किया गया है, जिसमें पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के अकेले के ही पांच जिलों का चयन किया गया, जिनमें सबसे बड़े जिला कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, लाहुल व किन्नौर को चिन्हित किया गया है। उक्त जिलों में डब्ल्यूएचओ व केंद्रीय टीम हर जिले में जांच कर रही है। ऐसे में टीम के सर्वे में टीबी  कंट्रोल करने की पुष्टि हो जाती है, तो राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिलने के साथ-साथ सर्टिफिकेशन भी मिल जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ व केंद्रीय टीम की ओर से टीबी की सर्टिफिकेशन के लिए देश भर में अभियान शुरू किया गया है।

 विश्व को टीबी  मुक्त किए जाने को लेकर डब्ल्यूएचओ पूरी तरह से अलर्ट है। ऐसे में भारत में सबसे अधिक टीबी की रोकथाम को लेकर काम भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में देश भर में टीबी  की दर को कम करने वाले जिलों में क्या सच में जमीनी स्तर पर सही काम हो पाया है, उसे भी जांचा जा रहा है। देश भर में 67 जिलों का चयन किया गया है, जबकि हिमाचल के कुल पांच जिलों को चयनित किया गया है। प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, किन्नौर व लाहुल-स्पिति में सच में टीबी  की दर कम पाई जाती है, तो उन्हें नवाजा जाएगा। जिला कांगड़ा के लिए यह बड़ी बात है कि इतनी अधिक जनंसख्या व घनत्व होने के बाबजूद टीबी  को रोकने में देश के कुल 67 जिलों में स्थान बना पाया है। वहीं सर्टिफिकेशन होने के बाद विश्व स्तर पर मेडल व अवार्ड से नवाजा जाएगा।     (एचडीएम)

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