Showing posts with label Uttarakhand news. Show all posts
Showing posts with label Uttarakhand news. Show all posts

एक्सपर्ट की टीम ने किया मुआयना, ऋषि गंगा के मुहाने पर 4.80 करोड़ लीटर पानी

 

एक्सपर्ट की टीम ने किया मुआयना, केदारनाथ में तबाही मचाने वाली चौराबाड़ी से ज्यादा लंबी है चमोली में बनी झील


उत्तराखंड के चमोली जिले पर अभी भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यहां ऋषि गंगा के मुहाने पर बनी झील में करीब 4.80 करोड़ लीटर पानी होने का अनुमान है। इस आर्टिफिशियल झील का इंडियन नेवी, एयरफोर्स और एक्सपर्ट की टीम ने मुआयना किया। इसके बाद यह खुलासा हुआ कि 750 मीटर लंबी और आगे बढ़कर संकरी हो रही इस झील की गहराई आठ मीटर है। एक्सपर्ट के मुताबिक ये झील केदारनाथ के चौराबाड़ी जैसी है। 

2013 में केदारनाथ के ऊपरी हिस्से में 250 मीटर लंबी, 150 मीटर चौड़ी और करीब 20 मीटर गहरी झील के टूटने से आपदा आ गई थी। इस झील से प्रति सेकंड करीब 17 हजार लीटर पानी निकला था। बता दें कि सात फरवरी को आपदा के कुछ दिन बाद ही इस झील की बात सामने आई थी और शासन ने वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, आपदा प्रबंधन और सेना के अधिकारियों को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा था। नेवी के डाइवर्स ने हाथ में इको साउंडर लेकर इस झील की गहराई मापी।

बताया जा रहा है कि अगर ये झील टूटती है, तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है। वहीं, अब वैज्ञानिक यह पता करेंगे कि डैम की मिट्टी की दीवार पर कितना दबाव पड़ रहा है। उधर, ऋषिगंगा नदी में सेंसर भी लगाया गया है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ते ही अलार्म बज जाएगा। उधर, एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस झील की प्रकृति को देखते हुए इसे फिलहाल खतरे का सबब नहीं माना जा रहा है, लेकिन उच्च हिमालयी क्षेत्र में आए दिन हो रहे बदलाव को देखते हुए किसी अनहोनी से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। राहत यह भी है कि झील से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। जल निकासी को बढ़ाने की भी कोशिश की जा रही है। प्रशासन के मुताबिक यह देखा जा रहा है कि सुरक्षित तरीके से झील को किस तरह से खाली किया जा सकता है।

अब तक 67 लोगों की मौत

उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 137 लोग अब भी लापता हैं।

चमोली जल प्रलय : सुरंग में फंसे 35 लोगों सेअब सिर्फ 30 मीटर दूर बचाव दल, मृतकों की संख्या हुई 34

 

उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से 170 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 34 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 9 की शिनाख्त हो गई है। बुधवार को चौथे दिन भी राहत बचाव कार्य जारी है। वहीं मंगलवार काे रातभर टनल से मलबा हटाने का कार्य चला। इस दौरान ड्रोन की भी मदद ली गई। 

बताया जा रहा है कि अभी टनल से मलबा हटाने में और समय लगेगा। पढ़ें दिनभर के अपडेट्स… विस्तार ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 लोगों से बचाव दल अब सिर्फ 30 मीटर दूर है। चमोली आपदाः नदियों के संगम पर झील बनने और रैणी गांव में दरार दिखाई देने का दावा कर रहे ग्रामीण दिनरात सुरंग से मलबा निकालने का काम जारी है लेकिन धीरे-धीरे ठोस हो रहे मलबे से बचाव दल की दिक्कतें बढ़ गईं हैं। बीती रात फंसे लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन मलबा अधिक होने के कारण वह अधिक दूर तक नहीं जा सका। 

वहीं आपदा क्षेत्र से बहकर एक शव रुद्रप्रयाग तक जा पहुंचा। इसे मिलाकर अब तक मिले शवों की संख्या 34 तक पहुंच गई है। वहीं खोजबीन में सहारनपुर और चमोली के दो मजदूर अपने घरों पर मिले। पहले उन्हें लापता लोगों की सूची में डाला गया था। इसके चलते अब लापता लोगों की संख्या 170 हो गई है। दूसरी ओर हेलीकॉप्टर से लगातार नीती घाटी के गांवों में राहत सामग्री वितरित की जा रही हैं। हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावित क्षेत्रों पर भी नजर रखी जा रही है। राहत बचाव कार्य में डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली जा रही है। अलकनंदा नदी किनारे मिला महिला का शव बदरीनाथ हाईवे