हिमाचल प्रदेश में फर्जी गरीब बीपीएल सूची से बाहर होंगे। दो अक्तूबर को होने जा रही ग्राम सभा की बैठक में बीपीएल सूचियों की समीक्षा होगी। प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक ने सभी उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार हर वर्ष ग्राम सभा की पहली बैठक में ग्राम पंचायत की बीपीएल सूची की समीक्षा सुनिश्चित की जाएगी। 25 फरवरी 2021 को ग्राम सभा की बैठक में अप्रैल माह की प्रस्तावित ग्राम सभा में बीपीएल सूची की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए थे, पर कोविड महामारी के कारण अप्रैल महीने में ग्राम सभाएं नहीं हो सकीं।
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अब सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों में बीपीएल की सूचियों की समीक्षा दो अक्तूबर को होने वाली ग्राम सभा की बैठक में होगी। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत की बीपीएल सूची की समीक्षा सरकार के निर्देशानुसार करवाना सुनिश्चित की जाए। बीपीएल सूची में शामिल रहे प्रदेश के लोगों को कई योजनाओं का लाभ मिलता है। नौकरियों में आरक्षण से लेकर कई सरकारी योजनाओं में उन्हें विशेष तरजीह दी जाती है।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 8.4 फीसदी परिवार गरीबी रेखा से नीचे है। इन नियमों को पूरा नहीं करने वाले हटेंगे बीपीएल से परिवार अगर आयकर देता है। परिवार की अगर वेतन, पेंशन, मानदेय, मजदूरी और व्यवसाय से 2500 रुपये से अधिक मासिक आय नहीं है। परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी, अर्द्धसरकारी नौकरी में नियमित या अनुबंध पर कार्यरत नहीं होना चाहिए। गाड़ी और पक्का मकान भी नहीं होना चाहिए।
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