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चरस तस्करी करना पड़ा महंगा, न्यायालय ने सुनाई 10 वर्ष की सजा


चम्बा(हिमाचल प्लस) जिला एवं सत्र न्यायधीश चम्बा राजेश तोमर की अदालत ने चमारू राम पुत्र केदरा निवासी गांव भराड़ा तहसील चुराह जिला चम्बा को चरस तस्करी करने के जुर्म में सोमवार को 10 वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि अदा न करने की सूरत में उसे डेढ़ वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


जिला न्यायवादी विजय रेहलिया ने की मामले की पैरवी


मामले की पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी विजय रेहलिया ने बताया कि 1 फरवरी 2018 को पुलिस थाना सदर चम्बा के दल ने मुख्य आरक्षी रमेश कुमार की अगुवाई में चम्बा- सलूणी मार्ग पर कोटी पुल के समीप नाकाबंदी की हुई थी। इस दौरान मार्ग पर से गुजरने वाले वाहनों के दस्तावेज खंगाले जा रहे थे। इसी बीच देर शाम समय करीब 8.50 बजे एक व्यक्ति पैदल चला आया। जब उसने अपने सामने पुलिस को देखा तो वह घबरा गया और भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस दल ने तुरंत उसे दबोचा। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम चमारू राम बताया।


पुलिस ने जब उसके बैग की तलाशी ली तो उसमें पीले, लाल व हरे रंग का एक बैग बरामद हुआ था। जब पुलिस दल ने बैग को खोला तो उसमें से एक किलो 240 ग्राम चरस रखी हुई थी। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध मादक द्रव्य अधिनियम की धारा 20 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। छानबीन के उपरांत मामले का चालान बनाकर न्यायालय में पेश किया गया था। माननीय न्यायालय ने सोमवार को चमारू राम को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कठोर कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

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