बारिश और बाढ़ से 2,319 मकान क्षतिग्रस्त 21,292 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा विस्तार महाराष्ट्र में मानसून वापसी की बारिश ने भारी तबाही मचाई है। बीते तीन-चार दिन से जारी मूसलाधार बारिश के चलते कई लोगों की जान जा चुकी है और करीब 500 मवेशियों की भी मौत हो गई है।
वहीं करीब पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें नष्ट होने की खबर है। पुणे संभाग और पश्चिम महाराष्ट्र में बारिश का सबसे ज्यादा असर हुआ है। इसके अलावा मराठवाड़ा व विदर्भ के कई जिलों में बारिश से हाहाकार मच गया है। एक अधिकारी के अनुसार, पुणे संभाग में अबतक 28 लोगों की वर्षाजनित घटनाओं में मौत हो चुकी है और उनमें सबसे अधिक प्रभावित सोलापुर जिले के हैं।
30 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया : पश्चिम महाराष्ट्र में पुणे, सांगली और सतारा भी प्रभावित हुए हैं। भारी वर्षा के कारण मवेशियों की भी मौत हुई है। बारिश के दौरान 379 बड़े मवेशी और 134 छोटे मवेशियों की जान चली गई। भारी वर्षा के चलते 21,292 लोगों को घर-बार छोड़ना पड़ा और वे सड़कों एवं घरों में कीचड़ भरे होने एवं बाढ़ की पानी में वस्तुओं के बह जाने की वजह से तत्काल नहीं लौट पाए।
बारिश और बाढ़ से 2,319 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। अब तक करीब 30 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। केंद्र से वर्षा प्रभावित किसानों के लिए मदद मांगी : मंत्री महाराष्ट्र के राहत व पुनर्वास मंत्री विजय बडेट्टीवार ने कहा कि भारी वर्षा और बाढ़ के कारण फसलों का बड़ा नुकसान हुआ है। धान की फसल पानी में डूब गई है। लोग अपनी आजीविका का स्रोत गंवा चुके हैं। केंद्र सरकार से ऐसे किसानों को मुआवजा देने की मांग की जाएगी।
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