प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त 2555 एसएमसी शिक्षकों को लंबित वेतन देने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से शिक्षकों की बीते दिनों की सेवाओं से जुड़ा ब्योरा मांगा है। आखिरी वेतन जारी करने की तारीख सहित शिक्षकों की संख्या भी स्कूलों से बताने को कहा गया है।
कितने शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई में सहयोग किया, इसकी जानकारी भी मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगने के बाद शिक्षा निदेशालय ने यह प्रक्रिया शुरू की है।
हाईकोर्ट ने अगस्त में एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का फैसला सुनाया था। इसे चुनौती देने के लिए सरकार और शिक्षक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की इस व्यवस्था के बाद अब प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों से संबंधित सारा रिकॉर्ड एकत्र करना शुरू कर दिया है। शीतकालीन स्कूलों में पढ़ाने वाले एसएमसी शिक्षकों को जनवरी 2020 और ग्रीष्मकालीन स्कूलों के शिक्षकों को अप्रैल 2020 से सेवाविस्तार नहीं दिया गया है। सेवाविस्तार मिलने के इंतजार में बैठे इन शिक्षकों ने कोरोना संकट के बीच ऑनलाइन शिक्षा देना जारी रखा।
दूरदराज के क्षेत्रों में एसएमसी शिक्षकों ने घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध करवाई। सरकार ने बीते दिनों हाईकोर्ट में शिक्षकों का लंबित वेतन जारी करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया था। अब हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगने के बाद शिक्षा विभाग ने लंबित वेतन को जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box