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हिमाचल: कोरोना के ज्यादा प्रभाव वाले क्षेत्रों में बनेंगे माइक्रो कंटेनमेंट जोन, 20 मार्च को होंगे कई फैसले

 

*हिमाचल में कोरोना को लेकर सख्ती की तैयारी*
*कोरोना के ज्यादा प्रभाव वाले क्षेत्रों में बनेंगे माइक्रो कंटेनमेंट जोन*
 
*सीएम जयराम ठाकुर ने दी जानकारी*
*सामाजिक भीड़ पर 20 मार्च को प्रस्तावित बैठक में होगा फैसला*

 

हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के ज्यादा प्रभाव वाले क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनेंगे। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तरह के निर्देश जारी किए हैं। हिमाचल में सामाजिक भीड़ पर अभी रोक नहीं है। इस बारे में 20 मार्च तक ही फैसला होगा। हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों में उछाल पर कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।


बुधवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों कोरोना वायरस के मामलों में काफी उछाल आया है। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह चर्चा हुई कि आने वाले वक्त में किस तरह से तैयारी करनी है। वैक्सीनेशन ठीक से चल रहा है या नहीं, इस बारे में चर्चा की गई है। आने वाले समय में वैक्सीनेशन को बढ़ाने के लिए कहा गया है। 


सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि वैक्सीनेशन प्रक्रिया कमजोर होने के बाद कई राज्यों के नाम लिए गए, पर हिमाचल ठीक चल रहा है। पिछले कुछ अरसे में टेस्टिंग में कमी आई है। आरटीपीसीआर टेस्ट में कमी पाई गई है। इसे प्रोत्साहित करने को कहा गया है। वैक्सीन का मतलब यह नहीं है कि कोरोना से बच गए हैं। उचित सामाजिक दूरी भी उपाय है और वैक्सीन भी। 


हिमाचल में केवल 1.4 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो रही


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वैक्सीन की बर्बादी हो रही है। यह 10 प्रतिशत तक जा रही है। हिमाचल में यह बर्बादी 1.4 प्रतिशत है। यह दो प्रतिशत से भी कम है। एक साल से बार-बार कहा जा रहा है कि सामाजिक दूरी रखें और मास्क पहनें। इसके अलावा अन्य बातों पर भी ध्यान दिया गया है। कांट्रेक्ट ट्रेेसिंग पर कहा कि लोगों ने बहुत कैजुअल लिया है। इस पर भी फोकस करने की जरूरत है। इससे संक्रमण को रोका जा सकेगा। 


पंजाब के सीएम से बात करेंगे- मैड़ी मेले में कम से कम लोग आएं


सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ऊना में मैड़ी मेले में 15 से 16 लाख लोग भाग लेते हैं। मेले में पंजाब से अधिकतर श्रद्धालु आएंगे। वह पंजाब के मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे कि इसमें कम से कम लोग आएं। धार्मिक भावनाओं का स्वागत है, पर मौजूदा परिस्थिति में ऐसा हो रहा है। 

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