कोरोना वायरस का कहर कोरोनावायरस के खिलाफ भारत समेत पूरी दुनिया में जंग चल रही है और 10 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं, जबकि अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। दुनिया के अधिकांश देशों में लॉकडाउन जैसे कदम उठाए जा रहे हैं और सारा कारोबार चौपट हो चुका है।
ऐसे में अमेरिकी वैज्ञानिकों की तरफ से एक अच्छी खबर आई है। उन्होंने चूहों पर संभावित वायरस परीक्षण में सफलता पाई है। विज्ञापन अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग के स्कूल ऑफ मेडिसिन के सह-वरिष्ठ लेखक आंद्रिया गैम्बोटो ने दावा किया है कि हमारे पास 2003 में सार्स-2 और 2014 में एमईआरएस का अनुभव है। इसी का लाभ उठाते हुए हमने जो खोज की है उस वैक्सीन से कोरोनावायरस के संक्रमण को मजबूती से रोका जा सकता हैै। इस पर हुए अध्ययन की पूरी जानकारी शोध पत्रिका ई-बायोमेडिसिन में प्रकाशित हुई है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी खोजी गई वैक्सीन कोविड-19 से लड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज बनाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह वैक्सीन इंजेक्ट करने के दो सप्ताह में ही वायरस को बेअसर करने में सक्षम होगी। चूहों पर परीक्षण के उत्साहजनक नतीजे मिलने के बाद शोधकर्ताओं ने अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से इसके मानव परीक्षण की अनुमति मांगी है।
साल भर तक वायरस को बेअसर करने में असरकारी कोरोनावायरस काफी कुछ सार्स और एमएआरएस नामक वायरस से मिलता जुलता है। वैज्ञानिकों ने चेताया, चूंकि पशुओं को बहुत लंबे वक्त तक ट्रैक नहीं किया गया है, ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगा कि इम्यून सिस्टम कोरोनावायरस से कितना लड़ सकता है।
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